ए मेरे खुदा मुझे एक पल और जी लेने दो,
करती हुँ इबादत तेरी, मुझे एक पल और जी लेने दो,
ऐतबार है न मुझे किसी का,
न किसी की है चाहत मुझे,
लेकिन बस एक ख्वाहिश है,मुझे एक पल और जी लेने दो,
क्यों मोहब्बत में मिटा लेता है इंसान खुद को,
लेकिन बाद में बन जाता है सपनो का सौदागर वो,
पर मेरे लिये क्या है इस दुनिया की खुशिया और गम का पहर,
बस एक है ख्वाहिश मुझे एक पल और जी लेने दे,
मुस्कुराकर दर्द इ दिल को छुपा लेता है इंसान क्यों
प्यार का अफसाना गुनगुना लेता है क्यों,
लेकिन मेरे एक ख्वाहिश है मुझे एक पल और जी लेने दे
ReplyDeleteकविता अच्छी है, कोई दो राय नहीं !
लगा कि आप खुदा से वेन्टीलेटर बन्द न करने की मनुहार कर रही थीं :)
ऐतबार है न मुझे किसी का,
ReplyDeleteन किसी की है चाहत मुझे,
लेकिन बस एक ख्वाहिश है,मुझे एक पल और जी लेने दो....
awesome lines.... gr8 work :)