MERE ZINDAGI KE HAR PANNE PAR MERE RAHO KI DASTAN KA EK ANCHUHA PAL HAMESA MERE SAATH REHTA HAI.
Wednesday, September 14, 2011
हिंदी दिवस...........
हिंदी है पहचान हमारी...... |
आधुनिक युग की दहलीज पर जैसे जैसे हमारे कदम आगे बढ़ते जा रहे है, वैसे वैसे हम अपने अस्तित्व से धूमिल होते जा रहे है, कहते है हर देश की पहचान उसके नागरिक और उसके आचरण से होती है, लेकिन व्यवहार, संस्कृति यह सब दुनिया के सामने किस माध्यम या तरीके से प्रस्तुत होती है, उसे हम भाषा कहते है, हमारी मात्रभाषा हिंदी है, और हमें इस पर गर्व है, लेकिन क्या हम अपनी हिंदी भाषा के साथ न्याय कर पा रहे है, क्योकि जहा तक मुझे लगता है, की आज के इस तकनीकी युग ने हमारे सोचने, लिखने और बोलने में जितना कमांड अपने हाथ में ले लिया है, उसी का रूप आज हम प्रयोग कर रहे है, मोबाइल और इन्टरनेट यह वो माध्यम है, जिन्होंने हिंदी के विस्तृत रूप को बदल कर एस एम एस में तब्दील कर दी है, आज हिंदी दिवस है और अगर हम अपनी मात्रभाषा से प्यार करते है, तो हम कसम खाते है की हम हिंदी शुद्ध बोलेग़े, पढ़ेगे, और सुनेगे , इसके लिए हमे चाहे कितनी मेहनत क्यों न करनी पड़े......................
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